First Gallery of Jhilmil Jheel

OUR FIRST VISIT OF JHILMIL JHEEL

संजय जी और मैं हमेशा से ही घूमने के शौक़ीन रहे | संजय जी राजाजी राष्ट्रीय पार्क में सफारी का काम कर रहे थे, और मैं अब उनसे जुड़ चूका था, और हम हमेशा से ही नए प्राकृतिक जगहों की खोज किया करते रहते थे | जुलाई का महीना शुरू हो गया था, मानसून भी अपने पुरे शबाब पर था | संजय जी का सफरी का कार्य मॉनसून सीजन की वजह से राजाजी राष्ट्रीय पार्क में बंद था | और हम दोनों बिलकुल ही खाली थे, तब संजय जी ने कहा कि चलो तुमको एक नया जंगल दिखता हूँ, जो हरिद्वार से २० किमी की दूरी पर है | और बिलकुल ही शांत इलाका है | 

इस प्रकार पहली बार 22 जुलाई 2011 को हमारा झिलमिल झील क्षेत्र को घूमने का प्लान बना | हमने अपनी मोटरसाइकिल निकाली और घर से लगभग 1 घंटे की ड्राइव करके हम दोनों झिलमिल झील के फारेस्ट कैंपस में पहुँच गए, हल्की हल्की  बारिश तो पड़ रही थी, मौसम भी सुहावना हो रखा था | 

वहां हमें फारेस्ट का स्टाफ मिला और उन्होंने हम दोनों को बैठने को कहा, और जानकरी चाही की आप दोनों कहाँ से आये हैं, संजय जी ने अपने परिचय के साथ बताया कि वह राजाजी राष्ट्रीय पार्क में जंगल सफारी का काम करते हैं, और राजाजी की पास इस नए क्षेत्र को देखने आएं हैं | इस परिचय से फारेस्ट के स्टाफ अति प्रसन्न हुए और फायर हमको चाय भी पिलाई गई | बातों-बातों में हमने पूंछा की यहाँ कितने टूरिस्ट आते हैं | उन्होने आह भरते हुए कहा सर जी यहाँ तो कोई आता ही नहीं, आप ही दोनों पहली बार दिखाई दिए हैं | 

फिर हमने उनसे इस क्षेत्र की सामान्य जानकारी मांगी और पूंछा कहाँ-कहाँ घुमा जा सकता है | इसके पश्चात् उन्होंने अपरे रेंज स्तर के अधिकारी से पूंछा और हमारे साथ एक फारेस्ट स्टाफ को भेज दिया |  जहाँ हमने सबसे पहले वेटलैंड क्षेत्र में प्रवेश किया | इसके प्रवेश द्वार पर ही एक कई जड़ों बाला बरगद का पेड़ था, जिसको देख कर मैं अचरज से भर गया | फिर हम धीरे-धीरे नीचे उतरे और बहुत ही अच्छा मनमोहक नजारा देखा | सभी जगह हरा भरा था, और इनकी बीच में कई जगह हिरणो के झुण्ड के झुण्ड | बारिश के साथ इस वेटलैंड की सुंदरता अद्वित्य थी | फिर हम सड़क मार्ग से वाच टावर पर गए | वहां से हमने इसका विहंगम दृश्य देखा, कुछ घंटे बिताने के बाद हम वापस ऋषिकेश अपने घर की तरफ़ आ गए | और दोनों यही विचार कर कर रहे थे, की क्या यह खूबसूरत झिलमिल झील रिज़र्व ऐसे ही प्रकृति प्रेमियों से छिपा रहेगा | 

जिसका जबाब है, अब तो बिलकुल नहीं रह सकता | 

GALLERY 22 JULY 2011

हम दोनों कोई श्रेय नहीं लेना चाहते पर प्रभु कृपा से हमने जो भी प्रयास किये, उसके फलस्वरूप झिलमिल झील कंज़र्वेशन रिज़र्व एक जाना माना हुआ क्षेत्र बन चूका है | नवंबर 2015 में आधिकारिक तौर पर मेरी यहाँ नेचर गाइड के रूप में प्रक्षिशण हुआ | और आज ये हमारी आजीविका का मुख्य क्षेत्र भी है | इसका संरक्षण और सभी टूरिस्ट को प्रकृति से जोड़ना ही हमारा मूल उद्देश्य है |  अतः आप भी इस संरक्षित क्षेत्र में अपना कुछ समय व्यतीत करें | इसने कभी भी किसी प्रकृति प्रेमी को निराश नहीं किया है